सुबोध उनियाल, कृषि एवं उद्यान मंत्री, उत्तराखंड
देश के महायोद्धा, मजबूत इंसान, आक्रामक सैनिक और बहुत सरल हृदय के व्यक्तित्व वाले जाबांज जनरल बिपिन रावत को हृदय की गहराइयों से श्रद्धांजलि देते हुए नमन करता हूं। कम से कम 10 से 12 बार जनरल साहब से मुलाकातें हुईं और अंतिम मुलाकात राजभवन में 9 नवंबर को हुई। हम लोगों ने फैसला किया है कि हमारे विभाग में जो सैनिक कल्चर डिपार्टमेंट है उसमें एक प्रोडक्ट जनरल रावत और उनकी पत्नी को समर्पित करेंगे।
अब प्रश्न है उत्तराखंड के सीमांत राज्य होने का। हमारे राज्य की सीमाएं दूसरेदेशों से मिलती हैं। कैसे सीमाई इलाकों में रहने वाले लोगों को रोकने में सफलता मिले इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। अब इसके लिए मैंने भारत सरकार की कई मीटिंगों में कहा भी कि यह खतरा केवल उत्तराखंड के लिए नहीं है। यह देश की सीमाओं के लिए खतरा है। अगर हमारे सीमांत क्षेत्र में पलायन नहीं रूका तो कहीं न कहीं देश के लिए यह खतरनाक संदेश है।
याद कीजिए कारगिल में जब घुसपैठ हुई तो एक चरवाहे ने उसे पकड़ा था। यह हमारे स्वाभाविक जासूस भी हैं और हमारे स्वाभाविक सैनिक भी हैं। भारत सरकार भी बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान पर काम कर रही है और हम लोगों ने भी प्रयास किया कि हम क्योंकि एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर और टूरिज्म दो ऐसे सेक्टर हैं जिससे हम अपने राज्य की इकॉनोमी को मजबूत कर सकते हैं और यह भी बात सही है कि जो कौम अपनी जड़ों को छोड़ देती है वो ज्यादा आगे चल नहीं सकती। तो एक अपनी कौम को बचाने की जिम्मेदारी, पर्वतीय संस्कृति और संस्कारों को बचाने की जिम्मेदारीऔर भारत की सीमाओं की रक्षा करने की जिम्मेदारी, इन सभी बातों को देखते हुए हम लोग तमाम तरह की योजनाएं बना रहे हैं।
हमें इस बात की खुशी है कि कृषि के क्षेत्र में हमने पिछले पांच वर्षों में 100 से ज्यादा रिफॉर्म किए। जिस तरह 2017 में हमारी सरकार बनी और 2022 आने को है, पूरे देश में आठ अवॉर्ड सेरेमनी एग्रीकल्चर हॉर्टीकल्चर सेक्टर में हुई, आठों में पहला अवॉर्ड हमारे राज्य को मिला।
हम कृषि के क्षेत्र में लगातार नए–नए रिफॉर्म का प्रयास कर रहे हैं। किस तरह किसानोंकी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें और इसमें जैविक खेती हमारे पास बड़ा हथियार है। वैसे हम पहाड़ के लोग बायडिफॉल्ट ऑर्गेनिक थे लेकिन दुनिया में प्रमाणिकता के साथ जैविक उत्पाद की डिमांड होती तो आज मुझे खुशी है कि जब हमारी सरकार बनी थी 2.3 प्रतिशत टोटल लैंड, उस पर हम ऑर्गेनिक फार्मिंग कर रहे थे।
आज हम करीब 50 प्रतिशत पर पहुंच गए। पांच साल में 50 प्रतिशत जमीन पर हम अपने राज्य में ऑर्गेनिक फार्मिग कर रहे हैं और इसके लिए निश्चित रूप से आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों की आय दोगुनी करने की संकल्पना और परिकल्पना पर चलते हुए हमने प्रयास किया। 100 प्रतिशत का टॉरगेट हम 2022 तक अचीव करने वाले हैं।
आज इस राज्य में ऑल वेदर रोड कनेक्टिविटी, रेलवे लाइन की बात हो रही है। जब कभी हम विदेश जाया करते थे और लगता था कभी हमारे देश में भी इतनी चौड़ी सड़कें होंगी। आज हमारे पास अच्छी सड़कें उपलब्ध हैं। मैं नौजवानों के लिए यह बात कहना चाहता हूं कि इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर, रेलवे और तमाम तरह की टूरिज्म संभावनाएं हमारे राज्य में हैं। इसका फायदा हमारे राज्य का युवा उठाएगा तो जो कहावत है कि ‘पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी’ पहाड़ के काम नहीं आती, उसे हम गलत साबित करने में सफल होंगे।