उत्तराखंड सरकार एवं राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संस्थान भारत सरकार के संयुक्त सहयोग से देश के प्रथम साइबर सिक्योरिटी एवं ड्रोन प्रशक्षिण केंद्र एवं अनुसंधान का उद्घाटन आज प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सूचना प्रौद्योगिकी भवन में किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष आलोक जोशी भी उपस्थित थे।
अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का जो डिजिटल इंडिया का सपना हैं ये उस ओर बढ़ने का प्रथम कदम हैं।

मुख्यमंत्री ने खासकर रैबार का जिक्र करते हुए कहा कि जब हमने देहरादून में रैबार किया तो कई लोगों ने उस पर अंगुली खड़ी की थी। कई लोगों को शिकायत थी कि उन्हें नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मुझे रैबार से काफी बल मिला, और आज उसी का प्रतिफल है कि हमें देश का प्रथम साइबर सिक्योरिटी एवं ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र मिल गया हैं। मैं खासकर अलोक जोशी का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने अपने वादे को लगभग सात महीनो में पूरा कर दिया।
साइबर प्रयोगशाला में 24 कम्प्यूटरों की व्यवस्था की गई है, शुरुवाती दौर में 25 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोर्स का समय 10 दिन से लेकर तीन माह तक का होगा।

इस दौरान प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को पांच हजार से लेकर 25,000 तक का स्टाइफंड भी दिया जाएगा। प्रयोगशाला का मुख्य उद्देश्य पुलिस, सूचना प्रद्योगिकी, सरकारी कार्मिकों एवं छात्रों को साइबर अपराध जांच तथा साइबर सुरक्षा की बारीकियों को समझाना है। राज्य एवं देश में बढ़ते साइबर अपराध, साइबर धोकाधडी, धमकी को पकड़ने में सफलता मिलेगी।
ड्रोन प्रशिक्षण का मुख्य मकसद छात्रों, पुलिस, बन, आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षित करना हैं, ताकि ड्रोन के माध्यम से दुरस्त एवं दुर्गम भू भाग में सरक्षा बल संचालन में व्यावहारिक रूप में इसका प्रयोग किया जा सके। ड्रोन का इस्तेमाल सूचना एकत्रित करने, वनो पर नजर रखने, शिकारियों, बन तस्करों पर निगरानी रखने, आपदा प्रबंधन इत्यादि में मदद प्राप्त हो सकेगी। ड्रोन प्रशिक्षिण केंद्र से रोजगार सृजन में भी अवसर बढ़ेंगे।












